Goddess Maheshwari


वेदों, उपनिषदों, पुराणों तथा विभिन्न शास्त्रों में देवाधिदेव शिव के सगुन-साकार रूप को महादेव अथवा महेश्वर के नाम से जाना जाता है l महेश्वर की अर्धांगिनी है- देवी महेश्वरी l इसी देवी महेश्वरी को आदिशक्ति, महादेवी, शिवा (शिवानी), अम्बा, जगदम्बा, दुर्गा, भवानी, चामुण्डा, शक्ति, पराशक्ति, जगतजननी, सर्वकुलमाता, माँ, त्रिपुरसुंदरी, माया, महामाया, आदि-माया, भगवती तथा मूलप्रकृति आदि नामों से भी जाना गया है।

'सर्व चैतन्य रूपां तमाद्यां विद्यां च धीमहि। बुद्धिं या न: प्रचोदयात्॥ सगुणा निर्गुणा चेतिद्विधा प्रोक्ता मनीषिभ:। सगुणा रागिभि: प्रोक्ता निर्गुणा तु विरागिभि:॥' -देवीभागवत-1/1)
देवी भागवत के अनुसार वह सगुण-निर्गुण दोनों हैं, रागी (गृहस्थ/भौतिक-सांसारिक सुखों की इच्छा रखनेवालें) सगुण की तथा विरागी (संन्यासी/मोक्षप्राप्ति की इच्छा रखनेवालें) निर्गुण की उपासना करते हैं।

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सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके । 
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।।